Shodashi Secrets
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कामपूर्णजकाराख्यसुपीठान्तर्न्निवासिनीम् ।
षट्कोणान्तःस्थितां वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥६॥
आर्त-त्राण-परायणैररि-कुल-प्रध्वंसिभिः संवृतं
संहर्त्री सर्वभासां विलयनसमये स्वात्मनि स्वप्रकाशा
साशङ्कं साश्रुपातं सविनयकरुणं याचिता कामपत्न्या ।
It is actually an experience of the universe inside the unity of consciousness. Even within our everyday state of consciousness, Tripurasundari could be the elegance that we see on the planet around us. Whatever we perceive externally as wonderful resonates deep within.
कैलाश पर्वत पर नाना रत्नों से शोभित कल्पवृक्ष के नीचे पुष्पों से शोभित, मुनि, गन्धर्व इत्यादि से सेवित, मणियों से मण्डित के मध्य सुखासन में बैठे जगदगुरु भगवान शिव जो चन्द्रमा के अर्ध भाग को शेखर के रूप में धारण किये, हाथ में त्रिशूल और डमरू लिये वृषभ वाहन, जटाधारी, कण्ठ में वासुकी नाथ को लपेटे हुए, शरीर में विभूति लगाये हुए देव नीलकण्ठ त्रिलोचन गजचर्म पहने हुए, शुद्ध स्फटिक के समान, हजारों सूर्यों के समान, गिरजा के अर्द्धांग भूषण, संसार के कारण विश्वरूपी शिव को अपने पूर्ण भक्ति भाव से साष्टांग प्रणाम करते हुए उनके पुत्र मयूर वाहन कार्तिकेय ने पूछा —
ஓம் ஸ்ரீம் ஹ்ரீம் க்லீம் ஐம் ஸௌ: ஓம் ஹ்ரீம் ஸ்ரீம் க ஏ ஐ ல ஹ்ரீம் ஹ ஸ க ஹ ல ஹ்ரீம் ஸ க ல ஹ்ரீம் ஸௌ: ஐம் க்லீம் ஹ்ரீம் ஸ்ரீம்
हन्यादामूलमस्मत्कलुषभरमुमा भुक्तिमुक्तिप्रदात्री ॥१३॥
वृत्तत्रयं च धरणी सदनत्रयं च श्री चक्रमेत दुदितं पर देवताया: ।।
अकचादिटतोन्नद्धपयशाक्षरवर्गिणीम् ।
यस्याः शक्तिप्ररोहादविरलममृतं विन्दते योगिवृन्दं
Following slipping, this Yoni around the Hill, it reworked right into a stone for the advantage of individual but it's claimed that still secretion of blood prevails periodically just as if Goddess menstruates.
Reply ray February 26, 2021 Hi sharma, Is that this attainable to understand wherever did you found that more info specific shodashi mantra, since it is totally distinctive from original which happens to be lengthier.